सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम (न्याय एवं क्षतिपूर्ति) विधेयक, 2011 के विरोध में देश भर में हिन्दू मन आक्रोशित हो रहा है. हिन्दू संघर्ष समिति ने इस आक्रोश को राष्ट्रीय स्वरुप देकर इस काले कानून से हिन्दू धर्म और हिन्दुओं की रक्षा का प्राण लिया है. हिन्दू संघर्ष समिति ने जुलाई के प्रथम सप्ताह से इस विधेयक के विरोध में एक जनांदोलन शुरू कर दिया है. समिति देश भर के हिन्दू संगठनों में समन्वयक का काम करेगी. हिन्दू संघर्ष समिति इस विधेयक के विरोध में देश भर में जागरूकता लाकर इस विधेयक के कानून बनने से पहले ही दफन कर देगी. इसके लिए समिति अगले दो महीने व्यापक अभियान चलाएगी जिसका केंद्र दिल्ली और लखनऊ होगा.
हिन्दू संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अरुण विक्रमादित्य ने बताया कि "इस विधेयक के द्वारा सरकार का हिन्दू विरोधी चेहरा सामने आ गया है. ये मात्र तुष्टिकरण नहीं बल्कि सीधे-सीधे हिन्दुओं पर कुठाराघात है. इसके द्वारा सरकार हिन्दुओं को पंगु बना देना चाहती है." श्री अरुण ने कहा कि "लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. हम इस विधेयक के विरोध में लोकतान्त्रिक तरीके से एक ऐसा जनांदोलन खड़ा करेंगे कि सरकार झुकने को मजबूर हो जाएगी. हम आम आदमी से लेकर विशिस्ट व्यक्तियों तक अपनी बात पहुंचाएंगे और इस विधेयक का विरोध करने की अपील करेंगे."
श्री अरुण ने कहा कि इसके लिए हमने अपनी रुपरेखा तैयार कर ली है. देश के बड़े विश्वविद्यालय हमारे इस अभियान के केंद्र होंगे. हमने अनेक विश्वविद्यालयों में और कई राज्यों में अपने संयोजक नियुक्त कर दिए है जो सक्रिय हो गए हैं. इसके साथ ही हम वकील, डॉक्टर, पत्रकार, सांसदों, शिक्षकों और देश के अनेक वर्गों के लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगे. संसद सत्र शुरू होने के साथ ही हमारी गतिविधियाँ और तेज हो जाएँगी और दिल्ली समेत देश के अनेक हिस्सों में मार्च, विरोध प्रदर्शन किया जायेगा.
हिन्दू संघर्ष समिति ने युवाओं को इस अभियान से अधिक जोड़ने का प्रयास किया है. हमने इंटरनेट पर भी प्रचार शुरू कर दिया है जिसका बहुत सकारात्मक उत्तर मिल रहा है. सरकार किसी ग़लतफ़हमी में न रहे कि वो इस तरह का कानून लाकर हिन्दुओं को समाप्त करने की चाल में सफल हो जाएगी. हिन्दू सहिंष्णु जरुर है मगर कायर नहीं.
PRESS RELEASE, Date-20/09/2011
हिन्दू संघर्ष समिति
हिन्दू संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री अरुण विक्रमादित्य ने बीजेपी को चेताया, उलेमा काउन्सिल में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी डॉ जे के जैन के भाषण की निंदा की.हिन्दू संघर्ष समिति
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HINDU STRUGGLE COMMITTEE
अभी हाल की कुछ घटनाओं से भारतीय जनता पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा कुछ और बदरंग होता नजर आया है. भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी डॉ जे के जैन का उलेमा काउन्सिल में 19 सितम्बर को दिया गया भाषण आतंकवादियों को उत्पीडन का जामा पहनाकर सहानुभूति और दया का पात्र बताने की कोशिश है जो सही मायनों में भयंकर पाप एवं स्पष्ट देशद्रोह है. उत्पीडन के शिकार आतंकवादी नहीं बल्कि बम विस्फोटों, आतंकवादी हमलों में मारे गए निर्दोष नागरिक एवं सुरक्षा कर्मी हैं. भारतीय जनता पार्टी की यह नीति भय, भूख और भ्रष्टाचार से लड़ने वाली, जिसकी वो दावा करते हैं, होने की बजाय, अन्याय और इस्लामिक आतंकवाद का तुष्टिकरण है. इस प्रकार की तथाकथित ओछी धर्मनिरपेक्षता या सस्ती राजनितिक फसल काटने की इच्छा दुर्बुद्धि के सिवाय कुछ और नहीं है. इससे भाजपा के राष्ट्रवादी चरित्र का पतन होता प्रतीत हो रहा है.
मेरी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेतृत्व से प्रार्थना है कि राष्ट्रवादी संगठन के तौर पर पहचाने जाने वाली भारतीय जनता पार्टी पर ऐसा कलंक न लगने दें और उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाये. मैं उनसे विनती करता हूँ कि वो न्याय सभी के लिए और तुष्टिकरण किसी के लिए नहीं वाली नीति की स्पष्ट व्याख्या करें. जे के जैन जैसे नेता भाजपा के राष्ट्रवादी चरित्र का बलात्कार करने की कोशिश कर रहे हैं जो बहुत ज्यादा निंदनीय है.
PRESS RELEASE, Date-19/09/2011
हिन्दू संघर्ष समिति
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HINDU STRUGGLE COMMITTEE
जामिया के सराय जुलेना चौक पर हिन्दू संघर्ष समिति का शहीद मोहन चंद शर्मा को श्रद्धांजलि, सराय जुलेना चौक का नाम मोहन चंद शर्मा चौक किया, पुलिस ने गिरफ्तार किया.
नई दिल्ली. आज हिन्दू संघर्ष समिति के नेतृत्व में बड़ी संख्या में युवाओं ने सराय जुलेना चौक पर बटला हाउस एनकाउंटर में शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही सराय जुलेना चौक का नाम बदलकर शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा चौक कर दिया. जबर्दश्त प्रदर्शन और आतंकवाद के खिलाफ मार्च के बाद सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. हालाँकि बाद में पुलिस ने उस नाम को मिटाकर उसे दोबारा सराय जुलेना चौक कर दिया जिससे कार्यकर्ताओं में काफ़ी रोष व्याप्त हो गया. इसके बाद सभी लोग विरोध करने लग गए और वहीँ पर धरने पर बैठ गए. काफी विरोध के बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया और न्यू फ्रेंड्स कालोनी लेकर गए.
इस विरोध प्रदर्शन में हिन्दू संघर्ष असमिति के अध्यक्ष अरुण विक्रमादित्य, भगत सिंह क्रांति सेना के तजिंदर पाल सिंह बग्गा, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मनोज चौधरी, युवा सेवा समिति के विजय शर्मा, शिव सेना के विष्णु गुप्ता, लवी भरद्वाज, छात्र नेता उत्कर्ष चौधरी, स्वतंत्रदीप कौशिक आदि लोग अपने साथियों के साथ उपस्थित थे. हिन्दू संघर्ष असमिति के अध्यक्ष अरुण विक्रमादित्य के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध दर्ज कराया. अरुण विक्रमादित्य ने संबोधित करते हुए कहा कि - ये दुःख की बात है कि एक जाबांज अधिकारी जो देश के लिए अपनी क़ुरबानी देता है, उसकी क़ुरबानी पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं. मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते ही शहीद मोहन चंद शर्मा की क़ुरबानी को व्यर्थ बताया जा रहा है जबकि आतंकियों को गले लगाया जाता है. बटला हाउस चौक को अब वहां के लोग एनकाउन्टर में मरे गए आतंकवादी के नाम पर शहजाद चौक बुलाने लगे हैं. ये शर्म की बात है."
सारे घटनाक्रम से कार्यकर्ताओं में भारी रोष है और वो चाहते हैं कि इस चौक का नाम शहीद मोहन चंद शर्मा चौक किया जाये.
PRESS RELEASE, Date-16/09/2011
हिन्दू संघर्ष समिति
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कामकोटी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती जी का हिन्दू संघर्ष समिति को समर्थन
नई दिल्ली. आज जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जे एन यू) के पी एच डी के छात्रों का एक दल कामकोटी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती जी से मिला. अरुणा आसफ अली मार्ग पर स्थित कामाक्षी मंदिर में हिन्दू संघर्ष समिति की दक्षिणी दिल्ली की संयोजक गायत्री दीक्षित के नेतृत्व में रिसर्च स्कोलर छात्रों का ये दल स्वामी जी से मिला. इस अवसर पर इन छात्रों को संबोधित करते हुए पूज्य स्वामी जी ने कहा - "यह बिल बहुसंख्यक हिन्दुओं के प्रति सरकार की संकीर्ण एवं पूर्वाग्रह मानसिकता को दर्शाता है. यह न्याय की अवधारणा के भी विपरीत है. यह भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के लिए विनाशकारी सिद्ध होगा. 1919 में अंग्रेजों की सरकार ने रौलेट एक्ट नामक कानून प्रस्तावित किया था, जिसमें किसी भी अपील-दलील-वकील का प्रावधान नहीं था, परन्तु यह बिल उससे भी अधिक खतरनाक है. यह निंदनीय है और सरकार को इसे तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए." पूज्य स्वामी जी ने इस अवसर पर हिन्दू संघर्ष समिति का सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम बिल के विरोध में जान जागरण के लिए प्रचार सामग्री भी जारी की.
पूर्व सांसद श्री बी एल शर्मा प्रेम जी ने कहा कि - "यह नेशनल औरंगजेबी काउन्सिल का तुगलकी फरमान है जो भारत में इस्लामिक राज्य की पूर्वपीठिका साबित होगा. इस बिल को लागू करना हिन्दू विद्रोह को न्योता देना है. सरकार कृपया समझदारी से काम ले."
इस अवसर पर हिन्दू संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार ने कहा कि "संप्रग सरकार की इस बिल के स्वरुप को लेकर दिखाई जा रही हठधर्मिता निंदनीय है. यह शांतिपूर्ण हिन्दू समाज को हिंसक क्रांति के लिए निमंत्रण है. देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र में बहुसंख्यक हिन्दुओं का सर्वाधिक योगदान है परन्तु उस पर पानी फेरते हुए सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति से दो कदम आगे बढ़कर हिन्दुओं से भेदभाव व उन्हें दोयम दर्ज़े का नागरिक बनाने की नीति पर आ गई है. सरकार को शर्म आनी चाहिए. अपने इस दुष्कृत्य के लिए माफ़ी मंगनी चाहिए अन्यथा उन्हें सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि यह बिल उनके ताबूत में आखिरी कील साबित होने जा रहा है."
मनु संस्कृति संस्थान के डॉ वरुण वीर ने कहा - "भारतीय उपमहाद्वीप में पिछले दो हजार वर्षों से हो रहे हिन्दू उत्पीड़न को सरकार ने इस बिल के माध्यम से नये आयाम दिए हैं. भ्रष्टाचार को लेकर जनाक्रोश झेल चुकी सरकार उसके पैरों के नीचे दहक रही मूक क्रांति से बेखबर है. अभी भी वक्त है कि सरकार अपनी गलती मानकर सुधर जाए." इस अवसर पर रिटायर्ड आई पी एस श्री आर के ओहरी भी मौजूद थे और उन्होंने भी बिल की निंदा की.
PRESS RELEASE, Date-08/092011
हिन्दू संघर्ष समिति
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ABVP उम्मीदवारों ने डूसू चुनावों से पूर्व संध्या पर हिन्दू संघर्ष समिति से माँगा समर्थन
नई दिल्ली, 08 सितम्बर. आज दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के प्रत्याशियों ने हिन्दू संघर्ष समिति से चुनाव से पूर्व संध्या पर समर्थन माँगा है. डूसू चुनाव में ABVP के अध्यक्ष पद की प्रत्याशी कुमारी नेहा सिंह और ज्वाइंट सेक्रेटरी पद के प्रत्याशी श्री दीपक बंसल ने हिन्दू संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार से मिलकर डूसू चुनावों में उनसे समर्थन की अपील की. इस मौके पर ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री श्री उमेश दत्त भी उपस्थित थे.
इस मौके पर हिन्दू संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार ने कहा कि हम पूरी तरह आपके साथ हैं. उन्होंने कहा कि विचारधारा के आधार पर ABVP हमारे विचार का संगठन है और विभिन्न मुद्दों पर हमारी सोच काफी हद एक जैसी है. इसलिए हिन्दू संघर्ष समिति इन चुनावों में ABVP का पूरी तरह समर्थन करेगी. श्री अरुण कुमार ने कहा कि आगे भी देश, समाज और धर्म के हित में जब भी जरुरत पड़ेगी तो हम ABVP का पूरा साथ देंगे.
उल्लेखनीय है कि हिन्दू संघर्ष समिति सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक के विरोध में देश भर में जनजागरण अभियान चला रही है. दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, मेरठ विश्वविद्यालय आदि में हिन्दू संघर्ष समिति को छात्र-छात्राओं और युवाओं का व्यापक समर्थन मिला है. हजारों छात्र और युवा हिन्दू संघर्ष समिति और उसके अभियान से जुड़ चुके हैं. शायद इसी को देखते हुए ABVP ने कल होने वाले डूसू चुनावों में हिन्दू संघर्ष समिति से समर्थन की अपील की है.
PRESS RELEASE, Date-23/08/2011
हिन्दू संघर्ष समिति
हिन्दू संघर्ष समिति
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HINDU STRUGGLE COMMITTEEसांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा बिल और भारतीय उपमहाद्वीप में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन
will do anything to stop passing this bill..
ReplyDeleteHam sampurna hindu bhai is samiti ke sath kandhe se kandha milakar is awsarwadi tatha tustikarak bill ke khilaf ladenge aur vjay prapt karenge.
ReplyDeleteIf we look upon the political style of UPA(congress)then we come to know that the congress party men are like Britishers who rulled India on one policy ie "Divide & Rule" means Divide the socity & rule the socity.divide between the cast, community in terms of reservation policy and all, the present bill is expressing the same.The bill has no any unitory feature, it will creat more gap between the hindus & muslims which is not good for secular structure of our nation.they(Congress) are doing for getting the power only.So hindu brother's & sister's please "Awake" and think for our Unity which is importent not only for us but also for our comming genration.Jai Hind
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